बरेली: बरेली के महौपार डॉ. उमेश गौतम के दोनों हाथ रक्षाबंधन के अवसर पर राखियों से सज गए। वहीं, उनके बेटे पार्थ गौतम के हाथ भी बहनों के प्यार से भर गए। तीन दिन तक चले इस अनोखे आयोजन में 20 हजार बहनों ने मेयर और उनके बेटे को राखी बांधी। बदले में मेयर ने बहनों को फ्री इलाज, इंटर तक की मुफ्त शिक्षा और हर महीने राशन किट देने का वादा किया। उन्होंने 20 हजार बहनों से राखी बंधवाकर रिकॉर्ड बनाया है। डॉ. उमेश गौतम पिछले तीन दिनों से लगातार राखियां बंधवा रहे हैं।
बरेली मेयर ने शुक्रवार को स्टेडियम में बहनों से राखी बंधवाई। स्टेडियम का स्मार्ट सिटी बैडमिंटन हॉल पूरा खचाखच भरा हुआ था, जहां बहनें अपने हाथों में राखी लिए कुर्सियों पर बैठी इंतजार कर रही थीं कि कब उनका भाई उनके पास आकर राखी बंधवाएगा। मेयर और उनके बेटे बारी-बारी से बहनों के पास जाकर राखी बंधवा रहे थे और उन्हें एक गिफ्ट पैक भी दे रहे थे। स्टेडियम के स्मार्ट सिटी बैडमिंटन हॉल में दोपहर 2 बजे से राखी बांधने का कार्यक्रम शुरू हुआ, जो देर शाम तक चलता रहा। मेयर के साथ उनके बेटे पार्थ गौतम भी मौजूद थे, जो अपनी बुआओं से राखी बंधवा रहे थे।
मेयर ने लिया था 20 हजार बहनों से राखी बंधवाने का संकल्प
महापौर ने कहा, मैंने 20 हजार बहनों से राखी बंधवाने का संकल्प लिया है, इसलिए 6 अगस्त से लगातार राखियां बंधवा रहा हूं। राखी बंधवाने के लिए अलग-अलग जगहों पर इंतजाम किए गए। बरेली के सिविल लाइंस स्थित मेयर के कैंप ऑफिस में भी राखियां बंधी। इसके अलावा होटल एलए के बड़े हॉल में राखी का आयोजन हुआ, जहां बड़ी संख्या में बहनें पहुंचीं। पीलीभीत रोड पर फ्लोर गार्डन बैंक्वेट हॉल में भी मेयर ने राखियां बंधवाईं। इन आयोजनों की सूचना बहनों को पहले ही दे दी जाती, ताकि वे समय पर वहां पहुंच सकें।
बहनों के लिए जारी किया स्पेशल कार्ड
उमेश गौतम ने बहनों के लिए एक विशेष कार्ड जारी किया और कार्ड को लेकर आने वाली बहनों को गिफ्ट में एक साड़ी दी गई। साथ ही मिशन हॉस्पिटल में इलाज के लिए एक हेल्थ कार्ड भी दिया गया, जिससे जरूरतमंद बहनों का इलाज पूरी तरह मुफ्त होगा। मेयर ने ऐलान किया है कि जिन बहनों के पास बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं हैं, उनकी इंटर तक की शिक्षा बिल्कुल फ्री कराई जाएगी। साथ ही जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें हर महीने राशन की किट दी जाएगी।
मेयर ने कहा, आज से हमारी बहनों की सारी चिंता खत्म, अब उनकी हर जिम्मेदारी मेरी होगी। मैं उनकी हमेशा देखभाल करूंगा और हर सुख-दुख में भाई बनकर साथ खड़ा रहूंगा।
6 अगस्त से शुरू हुआ था संकल्प
मेयर डॉ. उमेश गौतम ने बताया, मैंने यह संकल्प 6 अगस्त को लिया था और आज यह पूरा हो रहा है। हजारों बहनों के उद्गार सुनकर भावुक हो गया हूं। कई महिलाएं, जिनके भाई नहीं हैं, उन्हें मेयर में अपना भाई मिल गया। कई महिलाएं गले लगकर रो पड़ीं और आशीर्वाद दिया कि वे सांसद और मंत्री बनें और देश-प्रदेश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा, जिसके ऊपर हजारों बहनों का आशीर्वाद होगा, वही कामयाब होगा और उनकी रक्षा करेगा। अब उनकी सुरक्षा, सम्मान और जरूरतों का जिम्मा उमेश भैया का होगा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अब कई भांजे-भांजियां भी मिल गए हैं, जिन्हें उनके बेटे पार्थ गौतम जैसा भाई भी मिल गया है।
वहीं, राखी बांधने आई महिलाओं ने कहा कि उन्हें अब मेयर जैसा भाई मिल गया है, जिससे उनकी सारी चिंताएं खत्म हो गई हैं। उनका कहना है कि मेयर उनकी देखभाल करेंगे और हर संकट में भगवान श्रीकृष्ण की तरह रक्षा करेंगे। महिलाओं ने दुआ दी कि मेयर खूब तरक्की करें।