नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को फोन पर लगभग 35 मिनट तक बातचीत की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े किसी भी विषय में व्यापार से संबंधित कोई चर्चा नहीं हुई।
विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि पाकिस्तान के कहने पर ही भारत ने सीजफायर किया था। भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता और आगे भी नहीं करेगा। साथ ही, PM ने यह भी जोर देकर कहा कि अब भारत आतंकवाद की घटनाओं को प्रॉक्सी वॉर (परदे के पीछे की लड़ाई) नहीं, बल्कि सीधे युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखेगा। भारत का ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी की तरफ से विस्तार में बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति समर्थन जताया।
G7 में होनी थी मोदी-ट्रंप की मुलाकात
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात G7 के इतर होनी तय थी, लेकिन ट्रम्प को 17 मई को G7 छोड़कर अमेरिका लौटना पड़ा। इस कारण ये मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद ट्रम्प के कहने पर दोनों नेताओं की फोन पर बात हुई। बातचीत करीब 35 मिनट चली।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन पर पीएम मोदी से शोक संवेदना जताई थी और आतंक के खिलाफ समर्थन जताया था। इसके बाद दोनों नेताओं 18 जून को यह पहली बातचीत थी। इसलिए पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प ने ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तार से बात की।
भारत ने पाकिस्तान में सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ये भी बताया कि पीएम मोदी ने ट्रंप को यह स्पष्ट रूप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था। भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था। भारत के एक्शन बहुत ही मेजर्ड (नपे-तुले), प्रिसाइज (सटीक) और नॉन-एस्केलेटरी थे। साथ ही भारत ने ये भी स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान की गोली का जवाब हम गोले से देंगे।
पाकिस्तान ने सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की थी
विदेश सचिव ने ये भी बताया कि 9 मई की रात को अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी को फोन किया था। वेंस ने कहा था कि पाकिस्तान, भारत पर बड़ा हमला कर सकता है। पीएम मोदी ने उन्हें साफ शब्दों में बताया था कि यदि ऐसा होता है तो भारत, पाकिस्तान को उससे भी बड़ा जवाब देगा।
9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का भारत ने सशक्त जवाब दिया और पाकिस्तान को सेना को बहुत नुकसान पहुंचा। उसके मिलिट्री एयरबेस को इनऑपरेबल (फ्लाइट संचालन न होने योग्य) बना दिया। भारत के मुंहतोड़ जवाब के चलते पाकिस्तान को सैन्य कार्रवाई रोकने का आग्रह करना पड़ा।
सैन्य कार्रवाई रोकने की बात सीधे भारत-पाकिस्तान के बीच हुई थी
विक्रम मिसरी ने बताया कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा था कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरिका की तरफ से भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। सैन्य कार्रवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच दोनों सेनाओं के एग्जिस्टिंग चैनल्स (मौजूदा अफसरों) के माध्यम से हुई थी और पाकिस्तान के आग्रह पर ही हुई थी।
मोदी-ट्रंप जल्द मिलने की कोशिश करेंगे
विदेश सचिव ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या आप कनाडा से वापसी में अमेरिका रुककर जा सकते हैं? पहले से तय कार्यक्रमों के कारण पीएम मोदी ने इससे असमर्थता जताई। दोनों लीडर्स ने तब तय किया कि वे निकट भविष्य में मिलने का प्रयास करें।
मोदी का ट्रंप को न्योता
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने अंत में बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प और पीएम मोदी ने इजराइल-ईरान में चल रहे संघर्ष पर भी चर्चा की। रूस-यूक्रेन जंग पर दोनों ने सहमति जताई कि जल्द से जल्द शांति के लिए दोनों पक्षों में सीधी बातचीत जरूरी है और इसके लिए प्रयास करते रहना चाहिए। क्वाड की अगली बैठक के लिए पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प को भारत यात्रा का न्योता दिया। राष्ट्रपति ट्रम्प ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वे भारत आने के लिए उत्सुक हैं।