नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में साल 2019 में हुए आतंकी हमले में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक पदार्थ ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन (Amazon) से खरीदा गया था। यह खुलासा दुनियाभर में आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अपनी रिपोर्ट में किया है।
FATF ने इस रिपोर्ट में 2022 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में गोरखनाथ मंदिर हमले का भी जिक्र किया है। इन दोनों मामलों को उदाहरण के तौर पर पेश करते हुए संगठन ने आगाह किया है कि ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान सेवाएं अगर गलत हाथों में जाएं तो वे आतंक को बढ़ावा देने का माध्यम बन सकती हैं। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि किस तरह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किया जा रहा है।
सोशल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे आतंकी संगठन
FATF की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी संगठन अब पारंपरिक फंडिंग तरीकों के साथ-साथ डिजिटल माध्यमों, जैसे- ऑनलाइन पेमेंट, गेमिंग प्लेटफॉर्म्स, सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स साइट्स का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। FATF ने दुनियाभर की सरकारों और डिजिटल कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे इन प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए ठोस उपाय करें, क्योंकि ये अब आतंकी संगठनों के लिए एक नया और प्रभावशाली जरिया बनते जा रहे हैं।
FATF की रिपोर्ट की 7 अहम बातें:
- रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद-रोधी इकाई (UN CTED) और फ्रांस के साथ मिलकर तैयार की गई।
- FATF ने अब तक 80 से ज्यादा देशों का आकलन किया।
- आतंक से जुड़ी फंडिंग की जांच, गुनाह साबित करने में 69% देश नाकाम।
- फाइनेंशियल सिस्टम का दुरुपयोग अंतरराष्ट्रीय शांति को कमजोर करता है।
- सभी सदस्य देशों को ग्लोबल नेटवर्क का इस्तेमाल करने की सलाह।
- संदिग्ध पैटर्न (जैसे- ट्रैवल, पेमेंट, सोशल मीडिया) को पहचानने के टूल विकसित करने की सलाह।
- सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच डेटा शेयर करने की सलाह।
आतंकवाद की फंडिंग को समझने में आ रही मुश्किलें
FATF की इस रिपोर्ट का नाम ‘कॉम्प्रिहेंसिव अपडेट ऑन टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क’ है। 131 पेज की यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे आतंकवाद की फंडिंग के तरीके बदल रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से देशों में आतंकवाद की फंडिंग को समझने और रोकने की क्षमता में अब भी बड़ी कमियां हैं, और अगर इन्हें समय पर ठीक नहीं किया गया तो आतंकी संगठन मौजूदा कमजोरियों का फायदा उठाते रहेंगे।
रिपोर्ट में यह बताया गया है कि किस तरह आतंकी संगठन अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल सिस्टम का इस्तेमाल अपनी गतिविधियों को जारी रखने और हमले करने के लिए करते हैं। इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि आतंकवाद से जुड़ी फंडिंग (TF) की रणनीतियां एक जैसी नहीं होतीं, बल्कि अलग-अलग जगहों पर, अलग परिस्थितियों के हिसाब से अलग तरीके अपनाए जाते हैं।
पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हुए थे
14 फरवरी, 2019 को CRPF का एक काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से गुजर रहा था। ट्रक पुलवामा के पास पहुंचा था, तभी एक सुसाइड अटैकर 200 किलो विस्फोटक लदी मारुति ईको कार लेकर घुस गया। विस्फोट इतना तेज था कि सुरक्षाबलों को लेकर जा रही 2 बसों के परखच्चे उड़ गए। इसमें 40 जवान शहीद हुए थे।
भारत सरकार की जांच में यह सामने आया कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने करवाया था। जांच में पता चला कि हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक भारत में सीमा पार से लाए गए थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि हमले में इस्तेमाल हुए बम में जो एल्यूमीनियम पाउडर डाला गया था, जो धमाके को और ज्यादा घातक बनाने के लिए इस्तेमाल हुआ, वह अमेजन से ऑनलाइन खरीदा गया था।