उत्तर प्रदेश

जनता दरबार के लिए आए बुलंदशहर के युवक ने CM आवास के पास खाया जहर, पुलिस ले गई अस्‍पताल

जनता दरबार के लिए आए बुलंदशहर के युवक ने CM आवास के पास खाया जहर, पुलिस ले गई अस्‍पताल

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के जनता दरबार के लिए आए एक युवक ने सीएम आवास से लगभग 100 कदम दूर शुक्रवार सुबह जहर खा लिया। पुलिस को देखते हुए वह चिल्लाया कि उसने जहर खा लिया है। पुलिसकर्मी युवक को लड़खड़ाता देखकर घबरा गए और तुरंत सिविल अस्‍पताल ले गए। वहां उसे भर्ती कराया गया और डॉक्टरों ने उसका ट्रीटमेंट शुरू किया।

युवक की पहचान बुलंदशहर के तातारपुर के अजय के रूप में हुई है। उसने ऐसा क्यों किया, पुलिस इसकी जांच कर रही है। आस-पास लगे सीसीटीवी की भी जांच की जा रही है। पुलिस की शुरुआती पूछताछ में उसने बताया कि वह बिजली विभाग से परेशान था। मजबूर होकर उसने जहर खाया। घटना शुक्रवार सुबह ​​​​​लामार्ट्स चौराहे की है।

ट्रांसफॉर्मर फूंका तो विभाग ने ठीक नहीं कराया

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अजय बुलंदशहर के नगर कोतवाली क्षेत्र के तातारपुर रहने वाला है। उसने बताया कि 2014 में आटा चक्की लगाई थी। कुछ महीने पहले ट्रांसफॉर्मर फूंक गया। उसने विभाग से शिकायत की तो ट्रांसफॉर्मर बदला दिया, लेकिन नया ट्रांसफॉर्मर एक घंटा भी नहीं चल पाया।

दोबारा ट्रांसफॉर्मर फूंका तो बिजली विभाग के अधिकारियों ने अब तक ट्रांसफॉर्मर नहीं बदला। वह बार-बार विभाग के चक्कर काट रहा है। इसके बावजूद उसका काम नहीं हो पा रहा है। विभाग के कर्मचारी उससे खर्चा मांग रहे हैं।

सीएम योगी से शिकायत करने आया था

सूत्रों के अनुसार, अजय ने बताया कि बिजली विभाग के अफसर ट्रांसफॉर्मर ठीक कराने के लिए के लिए 70% खर्चा मांग रहे हैं। बिजली विभाग की तरफ से एक एस्टीमेट बनाया गया, जिसमें अजय कुमार से कहा गया कि ट्रांसफॉर्मर ठीक करने का 70% भुगतान आपको करना होगा। तभी नया ट्रांसफॉर्मर लग पाएगा।

इससे आहत होकर शुक्रवार सुबह लखनऊ वह सीएम से जनता दरबार में मिलने के लिए आया था। बाहर लामार्ट्स चौराहे के पास खुद उसने पुलिस को बताया कि जहर खा लिया है। तभी मौके पर मौजूद QRT की टीम उसे सिविल अस्पताल लेकर पहुंची और भर्ती कराया।

बुलंदशहर के अधिशासी अभियंता का बयान

बुलंदशहर के विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता सुरजीत सिंह ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है। यह उपभोक्ता उनसे सीधे कभी नहीं मिला। विभाग यह पता लगा रहा है कि किस अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही से ट्रांसफॉर्मर की समस्या हल नहीं हुई। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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